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तुम अपने रंग में रंग लो तो होली है.-holi contest…..

पराग
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holi

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है /

हरिवंशराय बच्चन

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

देखी मैंने बहुत दिनों तक
दुनिया की रंगीनी,
किंतु रही कोरी की कोरी
मेरी चादर झीनी,

तन के तार छूए बहुतों ने
मन का तार न भीगा,

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

अंबर ने ओढ़ी है तन पर
चादर नीली-नीली,
हरित धरित्री के आँगन में
सरसों पीली-पीली,

सिंदूरी मंजरियों से है
अंबा शीश सजाए,

रोलीमय संध्या ऊषा की चोली है।
तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

holi1

फूलों की होली / केदारनाथ अग्रवाल

फूलों ने
होली
फूलों से खेली

लाल
गुलाबी
पीत-परागी
रंगों की रँगरेली पेली

काम्य कपोली
कुंज किलोली
अंगों की अठखेली ठेली

मत्त मतंगी
मोद मृदंगी
प्राकृत कंठ कुलेली रेली

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