एक होता है एप्पल. एप्पल का भारतीय समाज में बड़ा महत्व है. अंग्रेजी का यह शब्द हम भारतीयों को बहुत भाता है. एप्पल की अहमियत इस बात से पता चलती है कि कोई कितना भी बड़ा हिंदी का पैरोकार हो. हिंदी के उत्थान के नाम पर हिंदी में कितने ही जलसे जूलूस करवाने वाला हो, एप्पल को सेब कहने की बजाय एप्पल ही कहना पसंद करता है.
बन्दा भी एप्पल के कद्रदानों में से है. लेकिन अपुन को एप्पल खाने की बजाय एप्पल का नाम लेने मात्र से ही सौ सुखों की अनुभूति होती है. एप्पल खाने का मोह तो हमने तब से छोड़ दिया, जब से एप्पल 20 रूपये प्रति किलो की जगह, 20 रूपये प्रति 100 ग्राम हो गया. लेकिन एप्पल के प्रति हमारी अटूट श्रद्धा रही है. जब भी किसी रेहड़ी, खोमचे या दूकान पर सजा हुआ सुर्ख सेब…. सॉरी एप्पल देखता हूँ तो मुंह में पानी आने की बजाय मेरा मस्तक श्रद्धा से झुक जाता है.
अब आप पूछेंगे की एप्पल नाम से हमें इतना प्रेम क्यों है. तो भाई साहब बात ऐसी है की एप्पल को हम अपने जीवन का आधार मानते हैं. क्योंकि हमारे जीवन में जब शिक्षा का आगाज हुआ था तब एप्पल शब्द ही सब से पहले हमने अपनी तुतलाती आवाज में बोला था. अपुन को याद है की हमारी अंग्रेजी वाली मेडम ने हमें ए फॉर एप्पल रटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी और हमने भी एप्पल शब्द रटने में पूरी मेहनत की थी. लेकिन इसे आप गोड द्वारा गिफ्टेड हमारी (मंद) बुद्धि का कमाल कहें या कुछ और ….हमने नर्सरी में पढाया जाने वाला एप्पल, यूकेजी में जाकर सीखा…. तब से ही बन्दा एप्पल का बड़ा मुरीद है..क्योंकि एप्पल सीखने के बाद ही बी,सी और तमाम वर्ड हम सीख पाए और कुछ एजुकेटिड हो पाए.इसलिए हम एप्पल के बड़े एहसानमंद हैं. जहाँ कहीं भी एप्पल दिखते हैं अपुन को उसमे साक्षात वींणा वादिनी के दर्शन होते हैं.
इधर आज जैसे ही कम्प्यूटर के सामने बैठकर जागरण जंक्शन ओपन किया तो होली कोंटेस्ट की जानकारी मिली. सबसे पहले तो हम जागरण वालों के शुक्रगुजार हैं कि जो होली आजकल अपने देश में सिर्फ होली वाले दिन कुछ ही घंटे मनाई जाती है, वह होली अबकी बार जागरण के माध्यम से 30 मार्च तक मनेगी. यानी होली की फुहार, उमंग, तरंग. हुल्लड़, मस्ती…, गीत, कविता, दोहे, संस्मरण के माध्यम से पूरे मार्च हमारे मन मस्तिष्क को उन्माद में सराबोर करेगी. दूसरा यह कि इस कांटेस्ट के कारण फिर से एप्पल की उपयोगिता, उसका महत्व हमें याद आ गया. बचपन में हम ए फॉर एप्पल पढ़-सीखकर कुछ साक्षर हुए थे. अब ए फॉर एप्पल आईपोड के लिए अपुन की यह साक्षरता कुछ काम आ जाये…जागरण जंक्शन के कर्ता-धर्ताओ को हमारा भी लिखा कुछ पसंद आ जाये और एप्पल आईपोड नामक सुन्दरी का वरण इस बार हो जाए तो राम कसम सभी बड़े मन्दिरों में जाकर एप्पल फोडूंगा. सुना है एप्पल आईपोड नामक यह विश्वसुन्दरी पूरे विश्व में अपनी धाक रखती है. एप्पल का ब्रांड आपके पास होने मात्र से आपकी टीआरपी में काफी वृद्धि हो जाती है…तो हे प्रभु इस बार होली में एप्पल आईपॉड के रूप में आप गरीब के आँगन में अपना प्राकट्य करो तो अपने जीवन में भी बहार आ जाए…आप आयेंगे न प्रभु……
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