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प्यार या कारोबार-Valentine Contest

पराग
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आज वेलेंटाइन डे है.वेलेंटाइन यानि प्रेम दिवस. इस दिन प्रेमी जोड़े अपने प्रेम का इकरार, इजहार और भी न जाने क्या क्या करते हैं.
वैसे हमारा देश एक प्रेम प्रधान देश है. प्रेम भारत की रग-रग में है. सर्वप्रथम भगवान कृष्ण ने वृन्दावन की कुञ्ज गलियों में राधा के संग प्रेम करके देश में प्रेम का अंकुरण किया. बाद में हीर-राँझा सहित अनेक चर्चित प्रेम कहानियों के नायक-नायिकाओं ने प्रेम को पल्लवित कर इसे पवित्रतम अहसास बनाया. अपने प्रेमी के लिए जान देना. उस पर सब कुछ न्योछावर कर देने जैसी अनेक घटनाये उस दौर में हुई जिसके कारण प्रेम शब्द को भगवान् का दूसरा रूप समझा जाने लगा.radha-krishna-cp1-300x217


बाद में प्रेम आ गया कारोबारियों के हाथों में. बस… उसके बाद से प्रेम बिचारा निरीह जीव की तरह बाज़ार में बिकने को पड़ा है. प्रेमी-प्रेमिका अपने पैसे खर्च करके प्रेम को खरीद रहे हैं. बाज़ारों में. माल्स में, रेस्तरां में. पार्क में, हर जगह आज प्यार बिक रहा है और कारोबारी इससे अपने वारे-न्यारे कर रहे हैं.
आज सुबह बाज़ार जाना हुआ तो देखा अपने छोटे से शहर में भी वेलेंटाइन की रंगत आयी हुई है. कहीं इत्र. गुलाबों का गुच्छा, महंगे गिफ्ट, टेडी बीयर, और भी न जाने क्या क्या….प्रतिदिन मै बाज़ार जाता हूँ. श्रीमती जी मन्दिर जाती है तो उनकी पूजा के लिए गुलाब के फूल लाता हूँ . रेहड़ी वाला मुझे दस रूपये मे 5 -6 फूल दे देता है. लेकिन आज….आज रेहड़ी वाले ने मुझे सलाह दी की आप कनेर के फूल ले जाएँ गुलाब के नहीं मिलेंगे. क्यों भाई ये गुलाब रखें तो हैं…. मैंने पुछा.
हाँ…रखें तो हैं…लेकिन ये फूल भगवान् के लिए नहीं प्रेमियों के लिए हैं….साहब.
लेकिन क्या प्रेमी भगवान् से बड़े हो गये…. मैंने उसे फिर छेड़ा.


613553nwqboqcocc जी हाँ…आज तो हमारे लिए प्रेमी जोड़े ही भगवान् हैं साहेब…..ये फूल आज 50 रुपए के 1 के हिसाब से बिकेंगे …..क्या समझे.
मैं उसके स्पष्टीकरण के आगे नतमस्तक हो गया…
बहरहाल…… तो साहब अपना तो मानना ये है की प्रेम कोई बाजारू चीज नहीं, यह एक खूबसूरत अहसास है. सच्चे प्यार को आर्चिज के महंगे कार्ड्स की जरूरत नही…..सच्चा प्यार तो सच्चे दिलदार को मिलता है. यदि किसी को देखकर आपको महसूस हो कि हाँ यही हो सकते हैं मेरे वो….तो उसे बिना गिफ्ट के भी अपने दिल की बात कहेंगे तो चलेगा. जाते-जाते ये शेर सभी प्रेम करने वालों की नजर-
अब उसे रोज़ न सोचूं तो बदन टूटता है फ़राज़ .
एक उमर हो गई है उसकी याद का नशा करते करते

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