प्यार में भीगे दो गिफ्ट…..ख़ास आपके लिए-Valentine Contest
पराग
99 Posts
268 Comments
प्यार……..कुदरत का मानव को दिया खूबसूरत उपहार है. मेरे ख्याल से ऐसा कोई भी नहीं जिसे प्यार की जरूरत नहीं. प्यार सर्वत्र है……प्यार पूजा है…..प्यार नशा है…..जरूरत है तो इसे महसूस करने की. वेलेंटाइन डे पर जब चारों और प्यार की बयार बह रही है ऐसे में दो मशहूर शायरों की प्यार में डूबी रचनाएँ ख़ास आपकी नजर-
खूबसूरत मोड़ / साहिर लुधियानवी
चलो इक बार फिर से अज़नबी बन जाएँ हम दोनों
न मैं तुमसे कोई उम्मीद रखो दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ देखो गलत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन लडखडाये मेरी बातों से
न ज़ाहिर हो हमारी कशमकश का राज़ नज़रों से
तुम्हे भी कोई उलझन रोकती है पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं की ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रुसवाइयां हैं मेरे माजी की
तुम्हारे साथ में गुजारी हुई रातों के साये हैं
तआरुफ़ रोग बन जाए तो उसको भूलना बेहतर
तआलुक बोझ बन जाए तो उसको तोड़ना अच्छा
वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे इक खूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा
चलो इक बार फिर से अज़नबी बन जाएँ हम दोनों
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझ को / क़तील
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानी ये तेरी सादादिली मार न डाले मुझको
मैं समंदर भी हूँ, मोती भी हूँ, ग़ोताज़न भी कोई भी नाम मेरा लेके बुला ले मुझको
तूने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी ख़ुदपरस्ती में कहीं तू न गँवा ले मुझको
कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको
ख़ुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन-दामन कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको
मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन
मैं हूँ गर फूल तो जूड़े में सजा ले मुझको
मैं खुले दर के किसी घर का हूँ सामाँ प्यारे तू दबे पाँव कभी आ के चुरा ले मुझको
तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम तू कभी याद तो कर भूलने वाले मुझको
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ “क़तील” शर्त ये है कोई बाँहों में सम्भाले मुझको
This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK
Read Comments