- 99 Posts
- 268 Comments
आज सुबह की बात है….. सामने के घर से जोर-जोर की आवाजें आ रही थीं. देखा… सामने के घर में रहने वाले अंकल आंटी आपस में लड़ रहे थे. …….”ऐसी ही बात है तो मुझे तलाक क्यों नहीं देते.” अंकल ने भी जोश में कहा “लो दिया…तलाक…..तलाक…..तलाक ”
मैं अचरज में था. अंकल-आंटी ने तो लव मेरिज की थी. फिर आज ऐसा क्या हो गया कि अपनी सिल्वर जुबली मन चुकी यह जोड़ी आज गठबंधन तोड़ने को आमादा थी.
मामले की तह में जाने के लिए हमने अपने महल्ले की नामी और मेरी विश्वसनीय गुप्तचर यानि अपनी पत्नी से इस बारे में पूछा तो पता चला कि अंकल आंटी के इस झगडे कि वजह आंटी के परिवार वालों द्वारा किसी ज़माने में कर्ज में डूबे अंकल को आर्थिक सहायता देना है. श्रीमती जी ने अब विस्तार से मिश्रा पुराण की कथा का वर्णन हमारे सम्मुख करना आरम्भ किया-अंकल यानी मिश्रा जी और आंटी यानी मिश्राइन का विवाह आज से कोई 25 साल पहले हुआ. मिश्राइन गुजरात जैसे विकसित घराने से थी, लेकिन बेचारे मिश्रा जी का परिवार बिहार के जहानाबाद इलाके जैसा था. गरीब और पिछड़ा….. लड़कपन में ही दोनों की आँख लड़ गई थी, जो बाद में इनके विवाह के बंधन में बंधने का कारण बनी. चूंकि मिश्रा जी तो नंग-फ़कीर की तरह थे, सो उनको मिश्राइन के परिवार वालों से समय-समय पर अनुदान मिलता रहता था. मिश्रा जी थे कि उनको क़र्ज़ कि दरकार हमेशा रहती थी, दूसरी और उनकी श्रीमती का परिवार था, जो हमेशा उन्हें अनुदान बांटता रहता था. यानी दोनों कि फॅमिली के रिश्ते इंडिया और वर्ल्ड बैंक की तरह के थे. 25 साल से चल रहे इस रिश्ते में आज दरार पड़ी तो उसका कारण था कि दो दिन पहले मिश्राइन के भाई ने इस कर्जे का जिक्र मिश्रा जी के चचेरे भाई के सामने कर दिया था. और उनके चचेरे भाई ने पूरे गाँव और रिश्तेदारी में मिश्र जी की पोल खोल दी थी. यह बात मिश्रा जी को नागवार गुजरी . “अब क्या रह जायेगी मेरी समाज में इज्जत… जब लोगों को पता चलेगा कि उनकी फॅमिली का विकास करने वाला, उनका पालनहार वे नहीं, बल्कि उनका ससुराल पक्ष है ” इसी बात से अपसेट मिश्रा जी ने आज अपनी प्राणप्यारी को न केवल धमकाया बल्कि गठबंधन तोड़ने कि धमकी भी दे डाली. तो यह थी पूरी कहानी…..
श्रीमती जी से पूरी कहानी सुनने के बाद मैं सामने पड़ा अखबार पलटने लगा. फ्रंट पेज पर खबर थी-“बीजेपी पर भड़के नितीश कुमार……..गठबंधन तोड़ने की धमकी दी. ” मैं अपसेट हो गया,… ये क्या हो रहा है…. जिधर देखो, उधर ही गठबंधन टूट रहे है. तलाक हो रहें हैं….. पुराने संबंधों, आपसी रिश्तों की कोई कद्र नहीं रह गयी है.
राहत पाने के लिए मैंने टीवी ऑन किया….. देखा टीवी पर पवित्र रिश्ता आ रहा है….यंहां भी .मानव और अर्चना का तलाक हो चुका है.
………मेरे पास टीवी बंद करने के अलावा अब कोई विकल्प शेष नहीं बचा था.
Read Comments